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सड़क पर पड़े
घायल को देख कर
कतरा कर, आँखें बचाकर
निकलते लोग।
याद आता है
मानवता का संदेश

पर....
सहायता के लिए
बढ़े कदमों को,
विचारों को
रोक देते हैं
नगर के किसी
‘विशेष इमारत’ के सामने लगे
‘बोर्ड़ों’ के ‘संदेश’
‘पुलिस आपकी मित्र है’
सदैव
‘आपकी सेवा’
को तत्पर।
बहुत ही सुन्दर रचना . बधाई
ReplyDeleteसही कहा आपने लोग चाहकर भी किसी घायल व्यक्ति की सहायता पुलिस के खौफ के चलते नहीं कर पाते |
ReplyDeleteसटीक व्यंग्य |
सही बात है..
ReplyDeleteएक कडवी हकीकत है ...पुलिस के डर से घायल को देखकर लोंग कतरा कर निकल जाते हैं ..!
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